Ghaziabad News: गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शहर में पोस्टर की बाढ़ आई हुई है। नगर निगम अधिकारी आकाश से जब इन पोस्टरों पर कार्रवाई करने के संबंध में प्रश्न पूछा गया तो वे पोस्टर हटाने की बात को टाल गए। मामला बेहद गंभीर है। शहर की सूरत को खराब कर रहे इन पोस्टरों को हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम के जिन अधिकारियों के कंधों पर है वही अधिकारी लोगों से मिलीभगत करते हैं।
यह है पूरा मामला
गाजियाबाद के मेरठ रोड़ पर नववर्ष और गणतंत्रता दिवस के पोस्टर अभी तक लगे हुए है। शहर निवासी कौशल किशोर ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने बधाई के पोस्टर लगाए थे, लेकिन उनके पोस्टरों को नगर निगम के द्वारा हटा दिया गया। जबकि वहां कुछ और लोगों ने भी पोस्टर लगाए हुए थे, उनके पोस्टरों को नहीं हटाया गया। आरोप है कि पोस्टर उतार रहे नगर निगम के कर्मचारियों से पूछने पर उन्होंने बताया कि ऐसा करने के लिए उन्हें नगर निगम अधिकारी आकाश ने आदेश दिया है।
अधिकारियों की मिली-भगत
जब कौशल किशोर ने कर्मचारियों से पोस्टर नहीं उतारने के लिए निवेदन किया तो कर्मचारियों ने आकाश का नंबर दिया और कहा कि पोस्टर उतारने से बचाना है तो आकाश से बात कर लो। यह पूरा मामला मिलीभगत से जुड़ा है। शहर में अवैध पोस्टर और होर्डिंग भरे हुए हैं, जो शहर में गंदगी फैला रहे है। गाजियाबाद में प्रदूषण का एक कारण यह भी है।
शहर को कर रह गंदा
आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी आकाश से जो लोग संपर्क नहीं करते उनके पोस्टर उतार दिए जाते हैं। जबकि उनसे मिलने पर पोस्टर रोक दिए जाते हैं। कुछ प्रमाण मेरठ रोड़ पर साफ देखा जा सकता है। जहां शिकायत करने के बाद भी पोस्टर लगे हुए हैं। गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों यदि चाहें तो शहर में पोस्टरों को हटाकर शहर को सुंदर बनाया जा सकता है और नियमानुसार लगने वाले बैनर पोस्टर से नगर निगम को लाखों रुपये का राजस्व भी प्राप्त होगा।
