Ghaziabad News : कच्चे केले की टिक्की से पपीते की कढ़ी तक उपलब्ध
गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित होटल कंट्री इन में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल की धूम है, जो 15 जून तक चलेगा। इस खास आयोजन में शुद्ध सात्विकता और परंपरा का ऐसा मेल देखने को मिल रहा है, जो न सिर्फ स्वाद में उत्कृष्ट है, बल्कि आत्मा को भी तृप्त करने वाला है। बिना प्याज और लहसुन के बनाए गए 55 अलग-अलग व्यंजनों की थाली यहां लोगों को परोसी जा रही है, जो जैन धर्म की आहार परंपरा के अनुरूप हैं। खास बात यह है कि इस आयोजन में भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ इटेलियन, मैक्सिकन और साउथ एशियन फूड को भी जैन परंपराओं के अनुसार तैयार किया गया है।
Ghaziabad News : जानें क्या हैं पूरा मामला ?
होटल के वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि उनका होटल विश्व का पहला ऐसा होटल है जो पूर्णत: शुद्ध शाकाहारी और जैन-फ्रेंडली भोजन उपलब्ध कराता है। यही कारण है कि एनसीआर सहित अन्य राज्यों से भी जैन समुदाय के लोग इस फेस्टिवल में शामिल होने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि भोजन की परंपरा का पूरी तरह से पालन करते हुए फूड फेस्टिवल में डिनर का समय शाम 6 बजे तक रखा गया है, क्योंकि जैन धर्म के अनुयायी सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करते। वहीं, होटल के हेड शेफ सुशील चुग ने बताया कि इस आयोजन में रूट वेजिटेबल्स (जैसे आलू, प्याज, लहसुन आदि) का प्रयोग पूरी तरह वर्जित है। सभी व्यंजन सात्विक सर्टिफाइड मसालों से तैयार किए गए हैं और इन्हें 25-30 शेफ की टीम ने परंपरा और स्वाद के संतुलन को ध्यान में रखते हुए बनाया है।
फूड फेस्टिवल में ऐसे कई अनोखे व्यंजन परोसे जा रहे हैं, जो सामान्यतः लोगों ने न सुने होंगे और न चखे होंगे। उदाहरण के लिए, आलू की जगह कच्चे केले की बनी करारी टिक्की खट्टी-मीठी चटनी के साथ दी जा रही है, वहीं पानीपुरी में भी आलू की जगह छोटे चने और नारंगी-पाइनएपल फ्लेवर का उपयोग किया गया है। दक्षिण एशियाई व्यंजनों में नारियल के दूध, लेमन ग्रास और जैसमिन राइस के साथ पपीते की कढ़ी को परोसा जा रहा है, जो लोगों को खूब पसंद आ रही है। इसके अलावा टोफू को काजू की ग्रेवी और बेसिल लीफ के साथ फ्राय कर परोसा जा रहा है। इटेलियन डिशेज में पालक और मक्के से बनी कैनिलोनी को रिकोटा चीज़ के साथ तैयार किया गया है, जबकि बच्चों और युवाओं के लिए प्याज-लहसुन रहित पिज्जा मुख्य आकर्षण बना हुआ है। साथ ही, कुरकुरी भिंडी, मटर की कचौरी, पनीर टिक्का, सोया चाप, कैर सांगर और मौसमी फलों के सलाद जैसे स्वादिष्ट व्यंजन भी लोगों को लुभा रहे हैं। यह फेस्टिवल न सिर्फ स्वाद का अनुभव है, बल्कि यह जैन परंपरा और आहार संस्कृति को भी जीवंत करता है।
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