Delhi Politics : दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बीजेपी सरकार द्वारा EWS सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाने के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने कड़ा विरोध जताया है। पार्टी ने इस निर्णय को गरीब छात्रों और मरीजों के हितों के खिलाफ बताया है। आज को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने एकतरफा फैसला लेते हुए EWS सर्टिफिकेट बनाना बंद कर दिया है, जिससे हज़ारों जरूरतमंदों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। अब DU और अन्य विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 10% आरक्षण EWS वर्ग के लिए तय है। ऐसे में जब सर्टिफिकेट ही नहीं बनेंगे, तो छात्र इस कोटे का लाभ कैसे पाएंगे?”
Delhi Politics : स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर
AAP नेता ने यह भी बताया कि राजधानी दिल्ली के कई अस्पतालों में 10% बेड और 25% OPD सेवा EWS श्रेणी के लिए आरक्षित है। ऐसे में अगर कोई बीमार व्यक्ति उसी समय सर्टिफिकेट बनवाना चाहे, तो अब उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की बैठक के मिनट्स का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने EWS सर्टिफिकेट प्रक्रिया में खामियों का हवाला देकर इसे अगली सूचना तक बंद कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कुछ सर्टिफिकेट गलत बने हैं, तो उस गलती के लिए जिम्मेदार SDM और DMs पर क्या कार्रवाई हुई? क्यों निर्दोष जनता को सजा दी जा रही है?
Delhi Politics : निजी संस्थानों को फायदा पहुंचाना मकसद
AAP ने बीजेपी सरकार पर निजी अस्पतालों और स्कूलों को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया। पार्टी का कहना है कि EWS सर्टिफिकेट पर रोक लगाकर गरीबों के अधिकारों को छीना जा रहा है, जिससे निजी संस्थानों को मनमाफिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
Delhi Politics : क्या है EWS सर्टिफिकेट?
EWS सर्टिफिकेट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण प्रदान करता है। इसके जरिए लोग सरकारी योजनाओं, स्कॉलरशिप और मेडिकल सुविधाओं में विशेष लाभ के पात्र बनते हैं।
