Delhi News : दिल्ली हाई कोर्ट के जज, जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगने से सनसनी फैल गई। इस घटना के दौरान जब आग पर काबू पाने के बाद पुलिस ने बंगले का निरीक्षण किया, तो उन्हें एक कमरे में बड़ी मात्रा में नगदी मिली, जो गंभीर सवालों को जन्म दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जज यशवंत वर्मा के बंगले में अचानक आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आग को बुझाया। जब पुलिस ने नुकसान का आकलन किया, तो उन्हें एक कमरे में अप्रत्याशित रूप से भारी रकम मिली। पुलिस ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी और इस संबंध में रिकॉर्ड बुक में कैश की बरामदगी का आधिकारिक विवरण दर्ज किया गया।
Delhi News : ट्रांसफर का फैसला
इस घटना की जानकारी मिलते ही, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने मामले को गंभीरता से लिया और तात्कालिक रूप से एक कॉलेजियम बैठक बुलाने का निर्णय लिया। इस बैठक में जज यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का फैसला लिया गया, और उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, इस फैसले के बावजूद कई जज उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, साथ ही मामले की पूरी जांच किए जाने की जरूरत जताई जा रही है।
Delhi News : जांच और इस्तीफे की मांग
कई न्यायाधीशों का कहना है कि सिर्फ ट्रांसफर से मामला खत्म नहीं हो सकता, क्योंकि इससे न्यायपालिका की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उनका सुझाव है कि जज यशवंत वर्मा को इस्तीफा देना चाहिए, और अगर वह इसे नकारते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट की 1999 में बनाई गई इन-हाउस प्रक्रिया के तहत उनके खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए।
Delhi News : घटना के समय जज बंगले पर नहीं थे
यह भी बताया गया कि जब जज यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगी, वह मौके पर मौजूद नहीं थे। उनके परिवार ने फायर विभाग को आग लगने की सूचना दी थी, और जब फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची, तो आग बुझाने के बाद नुकसान का आकलन किया गया। वहीं, भारी नगदी की बरामदगी ने पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है। इस घटना के बाद से न्यायपालिका में हलचल मची हुई है।
