Bribe Case : दारोगा रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार
गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र से एक चिंताजनक मामला सामने आया हैं। दरअसल रिश्वतखोरी के एक मामले में दो दारोगाओं को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने एक किसान से दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें से एक लाख रुपये उन्हें पहले ही मिल चुके थे। कोर्ट के आदेश पर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
Bribe Case : क्या है पूरा मामला?
पीड़ित सुरेंद्र सिंह भोजपुर गांव के निवासी हैं। उनके भाई धर्मपाल सिंह की कुछ साल पहले हत्या हो गई थी, और वे खुद इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। पुलिस ने हत्या के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिनमें से कुछ को जमानत मिल चुकी है। सुरेंद्र सिंह का आरोप है कि आरोपी पक्ष उन पर मुकदमे में फैसले के लिए दबाव बना रहा था और इसके लिए पुलिस का सहारा लिया गया। दिसंबर 2023 में जब वह खेत में काम कर रहे थे, तभी भोजपुर थाने में तैनात दारोगा पूरन सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे और उन्हें जबरन थाने ले गए। वहां दूसरा दारोगा योगेंद्र सिंह आया और सुरेंद्र से दो लाख रुपये की मांग की।
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें चोरी के झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा और जेल भेज दिया जाएगा। इस डर से सुरेंद्र ने एक लाख रुपये उन्हें दे दिए। लेकिन जब बाकी पैसे नहीं मिले, तो पुलिसकर्मियों ने उन पर और दबाव बनाना शुरू कर दिया।पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्होंने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट के आदेश के बाद भोजपुर थाने में दारोगा पूरन सिंह और योगेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब भोजपुर थाने की पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पिछले चार साल में इस थाने के कई पुलिसकर्मियों पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। दारोगा परवेंद्र सिंह पर आरोपियों के साथ मिलकर लूट कराने का आरोप लगा था। उन्हें निलंबित कर जेल भेजा गया था। तत्कालीन एसएचओ प्रदीप कुमार और एसएसआई शकील अहमद पर भी गोवंश हत्या के आरोपी से रिश्वत लेकर मामूली धाराओं में मामला दर्ज करने का आरोप लगा था, जिसके चलते उन्हें भी निलंबित कर दिया गया था। भोजपुर थाने की पुलिस पर लगते लगातार आरोप यह दर्शाते हैं कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
