Women Empowerment: हाईटेक इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आज महिला सशक्तिकरण पर एक सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें सभी महिला कर्मचारियों के साथ-साथ छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण से जुड़े किस्से और वास्तविक जीवन के अनुभव साझा किए।
रेनू गोयल ने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रोत्साहित किया
Women Empowerment: जब महिलाओं और लड़कियों को समर्थन दिया जाता है, तो उन्हें अपने अधिकारों के लिए बोलने के साथ-साथ अपने समुदायों की वकालत करने के अवसर मिलते हैं। जिसमें परिसर की सचिव श्रीमती रेनू गोयल ने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रोत्साहित किया और उनका मार्गदर्शन किया। डॉ तृप्ति चौधरी और सुश्री आकांक्षा शर्मा ने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तार से बताया और अपने विचार साझा किए। छात्राओं को महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक एनिमेशन फिल्म दिखाई गई जिसे सभी ने पसंद किया और प्रेरित किया। कार्यक्रम का आयोजन महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा किया गया था जिसकी सदस्य सुश्री नाहिद प्रवीण, सुश्री नेहा सक्सेना, सुश्री युक्ति त्यागी, सुश्री ऋचा वर्मा, सुश्री शिखा चौधरी, सुश्री तन्वी त्यागी उपस्थित थीं।
Women Empowerment: महिला शास्तिकरण (Feminization) समाज में महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों और उनके योगदान को मान्यता देने की प्रक्रिया है। यह जरूरी है क्योंकि यह समाज में समानता और न्याय की स्थापना करने में मदद करता है, और महिलाओं को उनके अधिकारों, स्वतंत्रता और सम्मान का एहसास दिलाता है।
महिला सशक्तिकरण का महत्व:-
- समान अधिकार और अवसर: महिला शास्तिकरण के माध्यम से महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार और अवसर प्राप्त होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि महिलाएं शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और राजनीति में समान अवसर प्राप्त करें। जब महिलाओं को समान अधिकार मिलते हैं, तो समाज का विकास और समृद्धि तेज़ी से होता है।
- सामाजिक भेदभाव का अंत: महिला शास्तिकरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, उत्पीड़न और असमानता को खत्म करना है। जब महिलाओं को उनके अधिकार और सम्मान मिलते हैं, तो समाज में लैंगिक भेदभाव कम होता है और महिलाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ समाज में योगदान कर सकती हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाओं की शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने से उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलती है। आर्थिक स्वतंत्रता से महिलाएं अपने जीवन के फैसले खुद ले सकती हैं और समाज में अपनी भूमिका को सशक्त बना सकती हैं।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: महिला शास्तिकरण से महिलाओं को उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ती है। यह उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बनाने में मदद करता है, साथ ही उन्हें सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार भी सुनिश्चित करता है।
- सामाजिक परिवर्तन: जब महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं, तो यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। महिलाएं जब समाज के हर क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं, तो समाज में एक बेहतर और संतुलित दृष्टिकोण विकसित होता है।
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