Viral News : फिजिकल शेयर को डीमैट में बदलकर मिल सकता है मालिकाना हक
कभी-कभी किस्मत कब, कहां और किस रूप में दरवाजा खटखटा दे, यह कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति को उसके पिता द्वारा 30 साल पहले खरीदे गए शेयर सर्टिफिकेट अचानक घर में मिल गए। ये सर्टिफिकेट मशहूर स्टील कंपनी JSW Steel के थे, जो 1995 में महज 1 लाख रुपये में खरीदे गए थे। उस समय शायद किसी को अंदाजा नहीं रहा होगा कि यह निवेश एक दिन 80 करोड़ रुपये की संपत्ति में बदल जाएगा। शेयर बाजार को भले ही जोखिम से भरा माना जाता हो, लेकिन लॉन्ग टर्म यानी दीर्घकालिक निवेश इसकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। यही कारण है कि यह मामला अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे ‘लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की ताकत’ का बेहतरीन उदाहरण बता रहे हैं।
Viral News : जाने क्या हैं पूरी खबर ?
यह घटना एक रेडिट यूजर से जुड़ी है, जिसे अचानक घर में पुराने कागजों के बीच उसके पिता द्वारा 1995 में खरीदे गए JSW Steel के शेयर सर्टिफिकेट मिले। उस समय उसके पिता ने 1 लाख रुपये की राशि शेयरों में निवेश की थी और फिर समय के साथ उसे भूल गए थे। हाल ही में जब बेटे को ये सर्टिफिकेट मिले तो उसने जब उनकी वर्तमान वैल्यू जांची, तो हैरान रह गया — यह रकम अब करीब 80 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुकी है। शेयर बाजार के जानकार सौरव दत्ता ने इस घटना को ट्विटर (अब X) पर साझा किया और इसके साथ शेयर सर्टिफिकेट की तस्वीरें भी लगाईं, जो देखते ही देखते वायरल हो गईं। इस खबर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी दिलचस्प रही हैं। एक यूजर ने लिखा, “अच्छे बिजनेस को बेचने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। समय को अपना काम करने दीजिए।” वहीं, दूसरे ने इसे ‘स्टॉक मार्केट का जादू’ बताया और कहा कि स्टॉक स्प्लिट, बोनस, और डिविडेंड जैसे कारक समय के साथ निवेश की ताकत को कई गुना बढ़ा देते हैं।
JSW Steel आज भारत की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनियों में से एक है और उसका बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) अब 2.46 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। सोमवार को इसका शेयर 1009.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 20 वर्षों में इस स्टॉक ने 2,484 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि सिर्फ पिछले 5 वर्षों में इसने 433 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दिखाई है। ये आंकड़े बताते हैं कि सही कंपनी में सही समय पर निवेश लंबे समय में कितनी जबरदस्त कमाई करवा सकता है। इस घटना से एक और तथ्य उजागर हुआ है — 90 के दशक में शेयर बाजार में अधिकतर लोग फिजिकल फॉर्म में ही निवेश करते थे। आज के डिजिटल युग में इन पुराने फिजिकल सर्टिफिकेट्स को कैश करवाने के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। सबसे पहले निवेशक को डीमैट खाता खोलना होगा, फिर जिनके नाम पर ये शेयर हैं, उनकी पहचान और उत्तराधिकारियों के दस्तावेज सबमिट कर ownership को साबित करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेयर को डिजिटल फॉर्म में ट्रांसफर किया जाएगा और फिर उन्हें बेचा या कैश करवाया जा सकता है। यह घटना बताती है कि अगर धैर्य और दूरदृष्टि के साथ शेयर बाजार में निवेश किया जाए, तो यह निवेश केवल भविष्य की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पीढ़ियों को भी समृद्ध बना सकता है।
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