Viral News : हत्याकांड से उभरी बहन की पीड़ा: “काश मैं घर पर होती तो बचा लेती”
ब्रिटेन की राजधानी लंदन से सामने आई यह खबर मानवता को झकझोर देने वाली है। 36 वर्षीय वर्जीनिया मैककुलॉ ने न केवल अपने माता-पिता की बेरहमी से हत्या की, बल्कि पूरे चार साल तक उनके शवों को अपने घर में छिपाकर रखा। हत्या का कारण था आर्थिक संकट, कर्ज और धोखाधड़ी के खुलासे का डर। यह मामला अब ब्रिटिश मीडिया और कोर्ट के दस्तावेजों के जरिए पूरी दुनिया के सामने आया है, जिसमें इंसान की लालच किस हद तक जा सकती है, उसका वीभत्स रूप देखने को मिला है।
Viral News : कोर्ट का फैसला: निर्दयी बेटी को 36 साल की सजा, घर में मिला मौत का राज
जून 2019 में वर्जीनिया ने अपने पिता जॉन मैककुलॉ को पहले जहर देकर मार डाला। अगली सुबह जब मां लोइस को शक हुआ तो वर्जीनिया ने उन पर हथौड़े से हमला किया। लेकिन जब वह वार बेअसर रहा, तो उसने अपनी मां को चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। कोविड लॉकडाउन की आड़ में उसने चार साल तक माता-पिता की डेड बॉडी को घर में छिपा रखा और इस दौरान उनके बैंक खातों से पैसे निकालती रही, पेंशन लेती रही और लोगों को मैसेज करके यह जताती रही कि उसके माता-पिता टूर पर हैं। वर्जीनिया भारी कर्ज में डूबी हुई थी और उसे डर था कि अगर उसके माता-पिता को उसकी धोखाधड़ी के बारे में पता चल गया, तो सब कुछ उजागर हो जाएगा।
इस मामले में सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाला पहलू यह है कि वर्जीनिया की बड़ी बहन लुईस हॉपकिंस को वर्षों तक इस जघन्य अपराध का पता नहीं चला। लुईस 1997 से परिवार से अलग हो गई थीं और 2018 तक कोई संपर्क नहीं था। जब सच्चाई सामने आई तो उन्होंने अपने गहरे अपराधबोध को साझा करते हुए कहा, “काश मैं घर में होती तो यह सब नहीं होता।” कोर्ट ने इस निर्मम हत्या के लिए वर्जीनिया को 36 साल की सजा सुनाई है। लुईस ने कहा कि उन्होंने अपनी बहन को माफ तो कर दिया है, लेकिन जीवन में कभी भी उसका चेहरा नहीं देखना चाहेंगी। यह मामला एक भयानक अपराध से कहीं ज्यादा, पारिवारिक रिश्तों के टूटने और लालच के अंधकार में डूबे इंसान की एक भयावह तस्वीर पेश करता है।
