Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान आज अपना 41वां स्थापना दिवस माना रहा है। इस खास मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद हैं। इसके अलावा फाउंडेशन डे के ऑरेशन के लिए विशाखापट्टनम की गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने शामिल हुई हैं। स्थापना दिवस पर 19 फैकल्टी मेंबर्स और 24 स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया गया है।
Uttar Pradesh News : शानदार यात्रा के लिए बधाई
इस खास मौके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चार दशक की शानदार यात्रा के लिए आप सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं। आपको बधाई देता हूं। एक दार्शनिक ने कहा कि जीत की तैयारी इतने शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दें। मुझे लगता है उत्तर प्रदेश जैसे देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले बड़े राज्य में स्वास्थ्य का मानक क्या होना चाहिए। मेडिकल एजुकेशन का स्टैंडर्ड क्या होना चाहिए यह मानक न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि उत्तर भारत में अब SGPGI तय करता है। SGPGI ने बिना किसी शोर गुल के बिना किसी हो हल्ला के यात्रा को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। इसलिए शानदार यात्रा के लिए आप सबको मैं बधाई देता हूं।
जिस काम के बारे में हम सोचते तक नहीं थे, वह डिपार्टमेंट यहां खुल रहे हैं। मिशन मोड पर काम हो रहा है। SGPGI में जो कुछ भी नया हो सकता है उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा। देश का यह पहला संस्थान हैं जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं।
Uttar Pradesh News : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक क्या बोले ?
वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रम में आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यूपी में जब कोई भी मरीज बीमार होता है तो उसके परिजनों की यही मंशा होती है कि वो SGPGI पहुंच कर इलाज करए। यूपी में बहुत सारे मेडिकल संस्थानों की बिल्डिंग है पर आप जैसा कोई नहीं। 15 साल से 30 साल के युवा दिन भर सोते हैं। रात भर जागते हैं, क्योंकि रात में इंटरनेट अच्छा चलता है। स्वीगी और जूमाटो से रात में डेढ़ बजे 2 बजे खाना मंगा कर खाते हैं। युवाओं को रूटीन सही करना होगा। आप कोई ऐसा विभाग खोल सकते हैं कि लोग बीमार ही न पड़े। इसके लिए हैपी लाइफ सेंटर खोला जाए। जिससे आदमी बीमार ही न पड़े।
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