UP Update: खबर उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर के गंगापुर की है जहाँ स्थित एक मदरसे में नकली नोट छापने का बड़ा धंधा सामने आया है। इस गिरोह का सरगना मुबारक अली उर्फ नूरी फैजुरनबी मदरसे का प्रबंधक है। उसने यूट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट छापने का तरीका सीखा था। इसके बाद वह नकली नोट छापने लगा और स्थानीय बाजार में नोटों को चलाने का काम करने लगा।
विस्तार में
UP Update: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में एक मदरसे में नकली नोट छापने का मामला सामने आया है। यहां मदरसा संचालक मुबारक अली उर्फ नूरी ने यूट्यूब से नकली नोट छापने का तरीका सीखा और नोट छापने लगा। इस मामले की भनक लगी तो पुलिस ने मदरसे पर छापेमारी कर दी। पुलिस ने मदरसे से प्रिंटर, लैपटॉप, स्याही, 34,500 के नकली नोट और अवैध हथियार बरामद किए हैं। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है है कि मदरसा संचालक की पांच बीवियां हैं, जिनमें एक मदरसे में पढ़ाती है।
कैसे कर सकते हैं नकली नोट की पहचान
UP Update: नकली नोटों की पहचान करना आज के समय में बहुत ज़रूरी हो गया है, क्योंकि यह आम जनता और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरे की घंटी है। असली नोटों की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निशान होते हैं, जिन्हें जानकर नकली नोटों से बचा जा सकता है। सबसे पहले, असली नोटों में वाटरमार्क होता है, जिसे रौशनी में देख सकते हैं। इसके अलावा, नोट के किनारे पर उभरे हुए धागे और सुरक्षा धागा भी होता है, जिसे हाथ से छूकर महसूस किया जा सकता है। नोट के सामने और पीछे में माइक्रो टेक्स्ट और अन्य सुरक्षा फीचर्स होते हैं, जो केवल असली नोटों में होते हैं।
खास रंग का दिखता है धागा
UP Update: रौशनी में नोट को देखें तो उसमें एक खस रंग का धागा दिखता है, जो नकली नोट में नहीं होता। असली नोट में रंग बदलने वाला स्याही भी होता है, जो टेढ़ा करने पर रंग बदलता है। इसके अतिरिक्त, असली नोट का कागज विशेष प्रकार का होता है, जो नकली नोटों की तुलना में ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होता है। आप नोट को हल्के से मोड़कर भी देख सकते हैं, असली नोट आसानी से नहीं मुड़ता। इन सभी तरीकों को अपनाकर आप नकली नोट की पहचान कर सकते हैं और धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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