UP Police News : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में तैनात रहे एसीपी मोहसिन खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनके निलंबन आदेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि शादीशुदा व्यक्ति का किसी दूसरी महिला से संबंध होना सरकारी सेवा नियमों के तहत “कदाचार” की श्रेणी में नहीं आता।
न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की पीठ ने यह आदेश एसीपी मोहसिन खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, जबकि याचिकाकर्ता को उसके बाद दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दायर करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है।
UP Police News : पढ़े कोर्ट ने क्या कहा ?
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्र ने कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 के अनुसार यदि कोई सरकारी अधिकारी शादीशुदा होते हुए दूसरी शादी करता है, तो उसे कदाचार माना जा सकता है। लेकिन यदि वह किसी महिला से संबंध रखता है, और वह संबंध विवाह में परिवर्तित नहीं हुआ है, तो उसे नियमों के तहत कदाचार नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में निलंबन का आधार कमजोर है और विभागीय जांच भी सवालों के घेरे में है।
UP Police News : आईआईटी छात्रा ने लगाया था गंभीर आरोप
गौरतलब है कि कानपुर में तैनाती के दौरान एसीपी मोहसिन खान पर आईआईटी की एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया था। मोहसिन खान उस दौरान आईआईटी कानपुर से क्रिमिनोलॉजी का कोर्स कर रहे थे। बात अगर मोहसिन खान की करें तो मोहसिन 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जो लखनऊ निवासी हैं। कानपुर में सेवा के दौरान उन्होंने न केवल कानून-व्यवस्था को संभाला बल्कि आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शैक्षणिक योग्यता भी हासिल थी।
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