UP News : मियावाकी जंगल और ग्रीन बिल्डिंग्स को मिलेगी प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘अर्बन ग्रीन पॉलिसी’ को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। यह नीति राज्य के शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित की गई है और इसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना, स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण तैयार करना तथा टिकाऊ शहरी जीवनशैली को बढ़ावा देना है। इसके तहत मियावाकी पद्धति से मिनी जंगल, ग्रीन बिल्डिंग्स और रूफटॉप गार्डन जैसे नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
UP News : जानें क्या हैं पूरा मामला ?
इस योजना को शहर, पड़ोस और भवन स्तर पर लागू किया जाएगा। शहर स्तर पर मियावाकी तकनीक से घने मिनी जंगल तैयार किए जाएंगे, जिससे हरियाली तेजी से बढ़ेगी और तापमान नियंत्रित रहेगा। पड़ोस स्तर पर सामुदायिक पार्क, ग्रीन जोन और सार्वजनिक स्थलों पर हरियाली विकसित की जाएगी, जो लोगों को न केवल स्वच्छ वातावरण देगा बल्कि सामाजिक जुड़ाव भी बढ़ाएगा। भवन स्तर पर नई इमारतों को ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुरूप बनाना अनिवार्य होगा, जिसमें पर्यावरण-अनुकूल सामग्री, ऊर्जा संरक्षण तकनीक, वर्टिकल गार्डन और हरी छतें शामिल होंगी। साथ ही, ‘ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग सिस्टम’ के माध्यम से शहरों को उनके पर्यावरणीय प्रयासों के आधार पर ‘ग्रीन स्टार रेटिंग’ दी जाएगी, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस नीति को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण (2025-2027) में स्मार्ट सिटी और मेट्रो शहरों को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण (2027-2030) में वे शहर शामिल होंगे जिनकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है। तीसरे चरण (2030 के बाद) में राज्य की सभी नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें इस नीति के दायरे में आ जाएंगी। ‘अर्बन ग्रीन पॉलिसी’ उत्तर प्रदेश सरकार की उस दूरदृष्टि को दर्शाती है, जिसमें विकास और पर्यावरण दोनों को साथ लेकर चलने की सोच है। यह नीति आने वाले वर्षों में न केवल प्रदेश के पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर बनाएगी, बल्कि नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को भी नए स्तर पर ले जाएगी।
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