Ghaziabad News: यूपी में उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट योजना लागू करने की तैयारी की है।इंजीनियरिंग गुड्स के बाद भी धातु और कपड़ा उद्योग भी गाजियाबाद की पहचान बनेंगे। ये उत्पाद वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट में शामिल होंगे। शासन इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी देने वाला है। इसके बाद गाजियाबाद में इन उत्पाद कों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलेगी और कारोबार भी बढ़ेगा। इसके साथ ही लोगो को रोजगार के नए अफसर भी मिलेंगे।
वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट योजना की शुरुआत
Ghaziabad News: आपको बता दें की उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस के मौके पर वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य पारंपरिक और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ना है। इंजीनियरिंग गुड्स के लिए प्रसिद्ध गाजियाबाद को इस योजना में शामिल किया गया था। अब प्रदेश सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का विस्तार कर रही है ताकि अन्य उद्योग से भी जनपद की पहचान बने।
धातु और कपडा अब होंगे ओडीओपी नीति में शामिल
Ghaziabad News: इसी कड़ी में ओडीओपी नीति दो के तहत गाजियाबाद के एक जनपद एक उद्योग योजना में धातु और टेक्स्ट चाइल्ड शामिल होगा। अधिकारी बताते हैं कि शासन ने जनपद के अन्य महत्वपूर्ण उत्पादों के प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें गाजियाबाद से धातु और टेक्सटाइल को योजना शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। शासन ने सभी जनपदों से मिली प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति देदी है। जल्द ही इस पर माहौर भी लग जाएगी, जीसके बाद इन्हे में शामिल कर लिया जाएगा। इन्हें योजना में शामिल करने से धातु और टेक्सटाइल उद्योग को पंख लगाने की उम्मीद ह। इन्हें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिलेगी जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होंगे के साथ ही अच्छी कीमत भी मिलेगी
ओडीओपी नीति से मिलेंगे रोजगार के अवसर
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ओडीओपी योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है। यह योजना 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर शुरू की गई थ। आप को बता दें की सरकार के प्रवक्ता ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन विभाग की ओर से सभी 75 जिलों के लिए चयनित एक-एक उत्पादों के लिए विशेष कार्ययोजना का खुलासा किया था । इसमें हर जिले के समृद्ध शिल्प कौशल को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव भी डाला गया था।
