Ghaziabad News: जनपद में बीते चार वर्षों में सड़क हादसों का आंकड़ा चिंता का विषय बन गया है। वर्ष 2022 से 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल 1219 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है, जिनमें से करीब 82 प्रतिशत मौतें वाहनों के पीछे से टक्कर लगने या पैदल यात्रियों के सामने अचानक वाहन आने की वजह से हुईं।
इन चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने एक गैर सरकारी संगठन (NGO) की मदद से जिले में हुए हादसों का गहराई से अध्ययन कराया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जनपद के 96 ऐसे स्थान हैं जहां 276 लोगों की जान गई है। अब पुलिस इन दुर्घटनास्थलों पर सुधार के उपायों पर मंथन कर रही है।
प्रमुख कारण, खराब सड़क डिजाइन, अतिक्रमण और दृश्यता में बाधा
Ghaziabad News: अध्ययन में सामने आए प्रमुख कारणों में शामिल हैं
1. अनियंत्रित यू-टर्न (मीडियन ओपनिंग)
2. स्ट्रीट लाइट की कमी या खराबी
3. असंगत सड़क संरचना और संकीर्ण पुल
4. सड़क किनारे अतिक्रमण और असमान फुटपाथ
5. मिटे हुए रोड मार्किंग और खराब मोड़ डिज़ाइन
6. बस स्टॉप के पास अनुचित ट्रक पार्किंग
7. झाड़ियों और पेड़ों के कारण दृश्यता में बाधा
8. अनुशासनहीन पार्किंग और संकीर्ण कंधा (साइड स्ट्रिप)
प्रशासनिक कदम, सड़क सुरक्षा समिति और विशेष ट्रैफिक स्टाफ की तैयारी
Ghaziabad News: ट्रैफिक विभाग अब संबंधित विभागों—जैसे नगर निगम, PWD, बिजली विभाग और यातायात अभियंता—के साथ समन्वय बनाकर इन खतरनाक बिंदुओं पर सुधार की योजना बना रहा है। इसके तहत सड़क डिजाइन में सुधार, अतिक्रमण हटाना, बेहतर लाइटिंग और संकेतचिह्नों की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही, ट्रैफिक पुलिस ने जिले के विभिन्न थानों से 50 पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से ट्रैफिक ड्यूटी के लिए प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में करीब 750 ट्रैफिककर्मी हैं। नए पुलिसकर्मियों को रात में हाईवे और एक्सप्रेसवे के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
