Noida News : नोएडा में स्थित एक अवैध वृद्धाश्रम में गुरुवार को राज्य महिला आयोग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 39 बुजुर्गों को रेस्क्यू किया। छापेमारी के दौरान कई बुजुर्गों को अमानवीय हालात में बंद पाया गया। महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई के दौरान एक बुजुर्ग महिला को बांधकर कमरे में बंद पाया गया, जबकि पुरुषों को तहखाने जैसे कमरों में बंद किया गया था।
Noida News : अमानवीय स्थिति में रह रहे थे बुजुर्ग
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कई बुजुर्गों के शरीर पर मल-मूत्र से सने कपड़े मिले। कई महिलाएं अधूरे कपड़ों में थीं और पुरुषों के पास पहनने के लिए पर्याप्त वस्त्र नहीं थे। आश्रम में कोई प्रशिक्षित स्टाफ नहीं था, और बुजुर्ग अपनी देखभाल स्वयं कर रहे थे। मीनाक्षी भराला ने बताया कि जो दृश्य हमने देखे, वह अत्यंत पीड़ादायक और अमानवीय थे। ऐसा लग रहा था मानो इन बुजुर्गों का जीवन नर्क बन चुका हो।
Noida News : बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था वृद्धाश्रम
जांच में पता चला कि यह वृद्धाश्रम वर्ष 1994 से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था। आयोग ने आश्रम को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दिया है। छापेमारी का आधार एक वायरल वीडियो था जिसमें एक बुजुर्ग महिला को हाथ बांधकर कमरे में बंद दिखाया गया था। वीडियो समाज कल्याण विभाग, लखनऊ को भेजा गया, जिसके आधार पर कार्रवाई के निर्देश मिले।
Noida News : बुजुर्गों से लिए जाते थे डोनेशन और मासिक शुल्क
महिला आयोग को मिली जानकारी के अनुसार, आश्रम प्रबंधन प्रति बुजुर्ग ₹2.5 लाख ‘डोनेशन’ के नाम पर वसूलता था। इसके अलावा ₹6,000 प्रतिमाह भोजन, आवास और अन्य सुविधाओं के लिए लिए जाते थे। पूछताछ में एक महिला ने खुद को नर्स बताया, लेकिन उसकी शैक्षणिक योग्यता केवल 12वीं पाई गई।
Noida News : आश्रम प्रबंधन ने दी सफाई
आश्रम प्रबंधन ने छापेमारी के दौरान बताया कि कुछ बुजुर्गों के हाथ इसलिए बांधे जाते हैं ताकि वे खुद को या दूसरों को नुकसान न पहुंचा सकें। उनका दावा है कि कई बार कुछ बुजुर्ग शारीरिक या मानसिक स्थिति के कारण खुद को चोट पहुंचा चुके हैं या शौच कर दूसरों पर फेंक चुके हैं। हालांकि महिला आयोग और पुलिस ने इस तर्क को अमानवीय और अस्वीकार्य करार दिया है। फिलहाल सभी 39 बुजुर्गों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। महिला आयोग के अनुसार, 2 से 3 दिनों में सभी को सरकारी ओल्ड एज होम्स में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां उनकी उचित देखभाल की जाएगी।
