Nagpur Violence : बीते दिन सोमवार को महाराष्ट्र के नागपुर के महाल में औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यहां दो गुटों के बीच हुए विवाद के बाद हिंसा भड़क गई और अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ कर वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान जमकर पथराव भी हुआ। कई पुलिसकर्मी घायल हुआ जबकि कई लोगों को चोटें आई। फिलहाल, हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सोमवार को हुई हिंसा के दौरान पुलिस हिंदू नागरिकों के साथ नहीं खड़ी थी। मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा।
Nagpur Violence : भीड़ का बड़ा हिस्सा बाहर से आया
नागपुर सेंट्रल के बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, मैं आज सुबह-सुबह यहां पहुंचा हूं। यह पूरी घटना पहले से तय थी। कल सुबह आंदोलन के बाद गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में घटना हुई, फिर सब कुछ सामान्य रहा। बाद में भीड़ ने सिर्फ हिंदुओं के घरों और दुकानों में प्रवेश किया। पहले सभी कैमरे तोड़ दिए गए और फिर हथियारों के साथ हिंसा को अंजाम दिया गया। मैंने सीपी (पुलिस आयुक्त) से बात की, यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। हमने पीआई संजय सिंह को दो घंटे तक फोन किया, लेकिन उनका फोन बंद था। हम पुलिस से संपर्क कर रहे थे। जब पुलिस यहां पहुंची, तो यहां सब कुछ हो चुका था। मैं सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी बात करूंगा। अपराधियों की तस्वीरें डीवीआर में हैं। हम इसे पुलिस को मुहैया कराएंगे। यह अफसोस की बात है कि कल पुलिस हिंदू नागरिकों के साथ खड़ी नहीं हुई। भीड़ का एक बड़ा हिस्सा बाहर से आया था।
उन्होंने कहा कि मैं पुलिस कमिश्नर से अनुरोध करूंगा कि वह खुद यहां आएं और यहां के नागरिकों से बात करें। साथ ही तुरंत इस पर कार्रवाई करें नहीं तो अगला कदम हिंदुओं को मजबूरन उठाना पड़ेगा।
Nagpur Violence : कहां-कहां लगा है कर्फ्यू?
आपको बता दें कि हिंसा भड़कने के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू की गई है। यह कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपाओली, शांतिनगर, शक्करदारा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में लागू किया गया है। जारी आदेश के अनुसार, कर्फ्यू के दौरान किसी भी व्यक्ति को बिना वजह घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। हालांकि, मेडिकल या इमरजेंसी की स्थिति में घर से बाहर निकल सकते हैं।
