Muzaffarnagar News : उत्तर प्रदेश पुलिस ने शिक्षा माफियाओं पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 3 करोड़ रुपये की कीमत वाली नकली NCERT किताबों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। खतौली कोतवाली पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में नकली किताबें, प्रिंटिंग उपकरण और वाहन बरामद किए हैं।
Muzaffarnagar News : छापेमारी में क्या-क्या मिला ?
पुलिस ने भैंसी गांव में स्थित एक मकान पर छापा मारकर वहां से नकली NCERT किताबों का जखीरा बरामद किया। जिसमें 1,33,092 नकली NCERT पुस्तकें, दो प्रिंटिंग प्रेस (पानीपत और समालखा स्थित), दो गाड़ियाँ – महिंद्रा थार और होंडा अमेज, एक कंटेनर (DCM) ट्रांसपोर्टेशन के लिए, प्रिंटिंग मशीनें, कटर मशीनें, प्लेट, स्याही, कवर और रोल्स और कुल जब्त सामान की मार्केट वैल्यू करीब ₹3 करोड़ आंकी गई है।
Muzaffarnagar News : गिरफ्तार किए गए आरोपी
पुलिस ने मौके से आदिल मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा, राजू शर्मा, ताराचंद, सत्येंद्र सिंघल, जावेद अख्तर और अमित सैनी को गिरफ्तार किया है। ये सभी इस फर्जी किताब छापने और सप्लाई करने के नेटवर्क का हिस्सा बताए जा रहे हैं। जांच में पता चला है कि यह गिरोह हरियाणा के पानीपत और समालखा में प्रिंटिंग प्रेस लगाकर NCERT की नकली किताबें छापता था। इसके बाद किताबों को मुज़फ्फरनगर के भैंसी गांव स्थित गोदाम में स्टॉक किया जाता था। वहाँ से इन किताबों की सप्लाई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार तक की जाती थी।
गिरफ्तार आरोपियों में से आदिल मेवाती पूर्व में भी इसी तरह के अपराध में मेरठ जेल जा चुका है। गिरोह पिछले 3 वर्षों से सक्रिय था। पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क से और भी लोग जुड़े हो सकते हैं। फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंक खंगाले जा रहे हैं और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले में एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि नकली एनसीईआरटी किताबें छापी और सप्लाई की जा रही हैं। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकली किताबें और उपकरण जब्त किए गए हैं। गिरोह द्वारा इस्तेमाल की गई मशीनें, कच्चा माल और वाहन भी कब्जे में लिए गए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि नकली किताबों की पहचान पेपर क्वालिटी, वाटरमार्क, और स्याही के अंतर से की गई। नकली किताबें 80 GSM के बजाय निम्न गुणवत्ता वाले कागज़ पर छापी जाती थीं। इस सराहनीय कार्रवाई के लिए एडीजी मेरठ ज़ोन की ओर से पुलिस टीम को ₹1 लाख, और एसएसपी मुज़फ्फरनगर की ओर से ₹25,000 का इनाम दिया गया है।
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