Meerut News : कहते हैं जब कोई बीमार हो या किसी पीड़ा से ग्रस्त हो तो पहले भगवान का नाम मुंह से निकलता है, फिर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को डॉक्टर में ही भगवान नजर आने लगाता है। यहीं कारण है कि डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। लेकिन अब सोचिए जरा जब यहीं भगवान रूपी डॉक्टर मरीज के साथ धोखा कर देते तो कैसे मरीज फिर दोबारा डॉक्टर पर भरोसा कर पाएगा ? ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मरीज के साथ जो हुआ है उसे सुनकर हर कोई हैरान है।
Meerut News : पहले पढ़े मामला…
दरअसल, मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने ऑपरेशन के दौरान बुलंदशहर की रहने वाली महिला की एक किडनी निकाल ली। इस बात का पता तब चला जब पांच साल बाद जांच कराई। फिलहाल, मामले में बुलंदशहर की नरसैना थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केएमसी हॉस्पिटल के 6 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। पीड़िता का आरोप है कि जब उन्होंने शिकायत की, तो आरोपियों ने मारपीट कर उनसे दस्तावेज छीन लिए।
Meerut News : 2017 में कराया था इलाज
गौरतलब है कि 2017 में बुगरासी निवासी कविता बीमार पड़ने पर मेरठ के केएमसी अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। बीमारी की जांच करने के बाद डॉ. सुनील गुप्ता ने ऑपरेशन की सलाह दी। जिसके बाद 20 मई 2017 को ऑपरेशन किया गया और 24 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गई। अस्पताल ने आश्वासन दिया कि उनके गुर्दे ठीक कर दिए गए हैं और वह स्वस्थ हो जाएंगी। लेकिन 5 साल बाद, 28 अक्टूबर 2022 को जब कविता ने दूसरे डॉक्टर से जांच कराई, तो पता चला कि उनकी बाईं किडनी पहले ही ऑपरेशन के दौरान निकाल ली गई है। ये बात सुन पीड़िता के होश उड़ गए। जिसके बाद पीड़िता ने डॉ. सुनील गुप्ता और अन्य डॉक्टरों पर अवैध अंग तस्करी का आरोप लगाया है।
Meerut News : पीड़िता कविता ने क्या कुछ कहा ?
कविता का कहना है कि डॉ. सुनील गुप्ता ने साथी डॉक्टर्स और अस्पताल कर्मचारी से साठगांठ करके लगातार फर्जी डाक्टरी रिपोर्ट देते रहे, जिसकी रिपोर्टों में कविता के दोनों गुर्दे को दर्शाया जाता रहा, जब कि अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि कविता की बाईं किडनी गायब है। उसे ऑपरेशन करके निकाल लिया गया है। उसे किसी को बेच दिया गया है। एक अन्य प्राइवेट डॉक्टर के यहां अल्ट्रासाउंड कराया तो उसमें भी बाईं किडनी गायब निकली। हैरानी की बात तो ये है कि किडनी निकालने के बाद भी डॉ.सुनील गुप्ता दवा देता रहा। लेकिन दवा से तबीयत ठीक होने के बजाय उल्टे बिगड़ती रही।
Meerut News : कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज
जिसके बाद अब कविता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका पर ACJM-तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर नरसैना थाने में डॉक्टर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज जांच के आदेश दिए गए। मामले में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक चंदगीराम का कहना है कि सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ .प्रतिभा गुप्ता, डॉ.अजय एन वत्स (एमडी) रेडियोलोजी, निकिता जग्गी (एमडी), डॉ. सतीश कुमार अरोरा, एमबीबीएस (एमडी), हॉस्पिटल के कर्मचारी और डॉ.सीमा वाष्णेय, एमडी वाष्णेय क्लीनिक पैथोलोजी, मेरठ के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18, आईपीसी की धारा 120 बी,326, 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले में जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
Author: Himanshu Garg
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने दिल्ली में @radiodwarkard से पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया। बीते करीब 4 वर्षों में @radiodwarkard, @policemedianews, @JanhitTimes1 में अपनी सेवाएं दीं। डिजिटल और न्यू मीडिया में काम का लंबा अनुभव है। फिलहाल lokhitkranti.com में कार्यरत हैं। इनसे 0himanshu123@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।