ब्यूरो : मनोज मिश्रा
Meerut News : अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही को आखिरकार हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। करीब एक माह मेरठ जेल में बिताने के बाद वह और उनके सहयोगी संजय सभरवाल शुक्रवार को रिहा हो गए है। ये मामला 18 अप्रैल 2025 को मेरठ कमिश्नरी चौराहे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ किए गए पुतला दहन से जुड़ा है। इस प्रदर्शन में ममता बनर्जी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी “योगी नहीं भोगी” के विरोध में पुतला दहन किया गया था। इसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने सचिन सिरोही और संजय सभरवाल को गिरफ्तार कर लिया था।
सचिन सिरोही पर एक अन्य मामला मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन क्षेत्र की रेलवे भूमि पर बनी एक कथित अवैध मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने को लेकर भी दर्ज है। इस मामले में भी सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। ACJM-10 कोर्ट ने मामूली और ज़मानती धाराओं के बावजूद जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बाद में 24 अप्रैल, 29 अप्रैल, और 5 मई को ADJ-5 कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन दोनों आरोपियों की जमानत खारिज कर जेल भेजा गया। अंततः हाई कोर्ट से जमानत मिलने पर दोनों की रिहाई संभव हो सकी।
Meerut News : हिंदुओं के लिए लड़ने की दी गई सजा
रिहाई के बाद सचिन सिरोही ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे हिंदुओं के लिए लड़ने की सजा दी जा रही है। ममता बनर्जी के बयान के खिलाफ पुतला दहन करना अपराध नहीं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। मेरे और मेरे कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर हमें दबाने की कोशिश की गई। लेकिन अब यह आवाज़ और तेज़ होगी। यह संघर्ष अब मेरठ से लखनऊ और दिल्ली तक लड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस पूरे प्रकरण की शिकायत करेंगे और संबंधित केस की प्रतियां सौंपेंगे। सचिन सिरोही ने ऐलान किया कि उनका संगठन 10,000 नए कार्यकर्ताओं को तैयार करेगा और हिंदू समाज की रक्षा के लिए आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
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