Lucknow News : राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र में पुलिस की साख को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। पालीगंज-6 पर तैनात सिपाही अर्जुन यादव को कुछ युवकों ने पुलिस चौकी में घसीटकर बेरहमी से पीटा, उसकी वर्दी फाड़ दी और चौकी के अंदर तोड़फोड़ की। घटना 29 मई देर रात की है, मगर पुलिस ने इसे 8 दिन तक दबाए रखा।
Lucknow News : सिपाही ने युवकों को झगड़ने से रोका
घटना उस समय हुई जब एक सफेद इनोवा में सवार चार युवक आपस में झगड़ रहे थे। सिपाही अर्जुन यादव ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन युवक भड़क उठे। सिपाही की FIR के अनुसार, आरोपियों ने उसे गालियां दीं, ‘कुत्ता’ कहा, फिर उसे चौकी तक घसीट ले गए और कहा – “चलो, इसे इसकी चौकी में ही पीटते हैं।” इसके बाद उसकी वर्दी फाड़ दी और चौकी के अंदर मौजूद सरकारी सामान को फेंक दिया।
Lucknow News : तीन गिरफ्तार, एक फरार
सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीन युवकों जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार को मौके से गिरफ्तार किया और चौथे युवक को भागते देखा गया। 13 दिन बाद भी उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। चर्चा है कि वह युवक एक सीनियर IPS अधिकारी का बेटा है।
Lucknow News : पुलिस की चुप्पी से उठे सवाल
30 मई को मामले में शांति भंग, सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, धमकी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं में FIR दर्ज की गई, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। मामला तब सुर्खियों में आया जब पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की।
Lucknow News : DCP ने मामले में क्या बताया ?
मामले में डीसीपी मध्य आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि तीनों आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दी गई है और चौथे आरोपी की पहचान की जा रही है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस वास्तव में चौथे आरोपी की पहचान नहीं कर सकी, या बात कुछ और है? वहीं मौके पर मौजूद चश्मदीद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों का दावा है कि चौथे युवक की पहचान सबको थी, लेकिन उसका नाम FIR में ‘अज्ञात’ लिखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसे मौके से सम्मानपूर्वक छोड़ दिया गया, जबकि बाकी आरोपियों को थाने ले जाया गया।
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