Kaushambi News : उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में 4 जून को कानून से हारकर रामबाबू तिवारी ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। हालांकि इस मामले में कार्रवाई करते हुए एसपी कौशांबी राजेश कुमार ने लापरवाही बरतने के आरोप में सैनी कोतवाली के एसएचओ बृजेश कुमार करवरिया को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर चौकी इंचार्ज पथरावा आलोक राय और अभियोग के विवेचक कृष्ण स्वरूप को निलंबित कर दिया। लेकिन एसपी की ये कार्रवाई जिले में अब चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, परिजनों ने आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल सहित पांच लोगों ने मिलकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, और उनके बेटे को झूठे बलात्कार के केस में जेल भिजवा दिया।
Kaushambi News : सुसाइड नोट से सच्चाई आई सामने
जहर खाने से पहले रामबाबू तिवारी ने एक सुसाइड नोट लिखा। जिसमें कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए। जिसको लेकर परिजनों ने शव को सीएचसी सिराथू पर रखकर विरोध भी किया और आरोप लगाया कि गांव के ही प्रधान व उसके सहयोगियों ने जबरन जहर खिलाया और पूरे परिवार को झूठे मामलों में फंसाया। लेकिन उसके बाद भी हाथ कुछ न लगा।
Kaushambi News : पुलिस ने इनके खिलाफ की कार्रवाई
उधर, इस मामले में पुलिस ने मृतक के परिजनों की तहरीर पर गांव के पांच लोगों – भूप नारायण पाल, बिपिन पाल, जागेश्वर पाल, जगत पाल व धर्मराज पाल के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वो भी तब जब इस मामले में राजनीतिक दलों ने हस्तक्षेप किया। जिसके बाद मामले ने तुल पकड़ना शुरु किया तो एसपी राजेश कुमार ने मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ आत्महत्या जैसे गंभीर मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सैनी कोतवाली प्रभारी बृजेश कुमार करवरिया को लाइन हाजिर कर उनकी जगह संतोष कुमार शर्मा को नया थाना प्रभारी बना दिया। गौरतलब है कि रामबाबू तिवारी के बेटे को झूठे रेप केस में फंसाकर जेल भेजा गया था। इससे आहत होकर रामबाबू ने 4 जून को जहर खाकर जान दे दी थी।
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