Iran-Israel News : भारत समेत पूरी दुनिया पर बढ़ा ऊर्जा संकट का खतरा
मध्य पूर्व में ईरान, इजराइल और अब अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति की स्थिरता पर गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम से हमले के बाद ईरान आक्रोशित है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करते हुए होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद कर देता है, तो इसका असर केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर तेल और गैस की सप्लाई पर पड़ सकता है। यह जलमार्ग दुनिया के सबसे अहम तेल व्यापार मार्गों में से एक है और वैश्विक ऊर्जा अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह काम करता है। दुनिया के कुल तेल का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा यानी प्रतिदिन करीब 2 करोड़ बैरल तेल इसी जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।
Iran-Israel News : जानें क्या हैं पूरा मामला ?
होर्मुज स्ट्रेट की रणनीतिक स्थिति इसे और भी अहम बनाती है। यह जलमार्ग फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है, और इसका सबसे संकरा हिस्सा महज 33 किलोमीटर चौड़ा है, जिसमें से केवल 3 किलोमीटर की चौड़ाई में शिपिंग लेन है। सऊदी अरब, ईरान, इराक, कुवैत और यूएई जैसे OPEC सदस्य देश अपने अधिकांश कच्चे तेल का निर्यात इसी रूट से करते हैं। इसके अलावा, कतर से निकलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एलएनजी सप्लाई भी इसी रूट से गुजरती है। एनालिटिक्स फर्म वॉर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 से अब तक हर दिन 17.8 से 20.8 मिलियन बैरल कच्चा तेल और अन्य ईंधन यहां से ट्रांसपोर्ट किए जाते रहे हैं। अगर ईरान इस रास्ते को बंद कर देता है, तो करीब 3,000 जहाजों की आवाजाही रुक सकती है, जिससे विश्व में तेल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो सकती है।
इस घटनाक्रम से चीन सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है, क्योंकि वह ईरान के कुल तेल निर्यात का लगभग 90% हिस्सा खरीदता है। इसके अलावा भारत, जो प्रतिदिन 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, उसमें से 1.5 से 2 मिलियन बैरल इसी रूट से मंगवाता है। हालांकि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया है कि भारत ने अपनी आपूर्ति के स्रोतों में विविधता ला दी है और तेल मार्केटिंग कंपनियों के पास 3 से 4 हफ्तों का पर्याप्त स्टॉक है। फिर भी यह आशंका बनी हुई है कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है, जिसका असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करना ईरान के लिए आत्मघाती कदम होगा, क्योंकि इसका खुद के तेल निर्यात पर भी असर होगा। वहीं, इस रूट के बंद होने से खाड़ी के अरब देशों के लिए भी हालात मुश्किल हो सकते हैं और वे भी युद्ध में खिंच सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि होर्मुज स्ट्रेट पर एक छोटा-सा कदम भी वैश्विक ऊर्जा संकट को जन्म दे सकता है।
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