Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुन हर कोई हैरान है। यहां एक 30 वर्षीय महिला ने ससुरालीजनों पर आरोप लगाया है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे एचआईवी संक्रमित सिरिंज लगा दी गई है। आरोप है कि इस वारदात को उसके पति के माता-पिता ने अंजाम दिया है। फिलहाल, इस मामले में महिला ने सहारनपुर कोर्ट में आवेदन दायर कर केस दर्ज कराने की मांग की है। महिला के पिटिशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूपी पुलिस को महिला के ससुरालीजनों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कर मामले में जांच करने के आदेश दिए है।
Uttar Pradesh News : अब पढ़े पूरा मामला
मामले में जानकारी देते हुए सहारनपुर के एसपी ग्रामीण सागर जैन ने बताया कि पीड़िता सहारनपुर की रहने वाली है। हमने उसके पति, देवर, ननद और सास के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 498ए (पति या उसके रिश्तेदारों की ओर से महिला के साथ क्रूरता), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और संबंधित दहेज धाराओं के तहत गंगोह थाने में FIR दर्ज कराई है। हम मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोप के अनुसार, घटना मई 2024 की है। इस घटना को कथित तौर पर महिला के ससुराल हरिद्वार में अंजाम दिया है। महिला के पिता ने कोर्ट में बताया है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी फरवरी 2023 में की थी। शादी में लगभग 45 लाख रुपये खर्च हुए थे। फिर से दहेज के तौर पर 10 लाख रुपये नकद और बड़ी एसयूवी की मांग की जा रही थी।
पिता ने पुलिस शिकायत में बताया कि मई 2024 में उसके ससुराल वालों ने उसे जबरन एचआईवी संक्रमित सिरिंज का इंजेक्शन लगाया। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। मेडिकल जांच कराई गई तो पता चला महिला एचआईवी पॉजिटिव है। जबकि उसके पति के एचआईवी निगेटिव होने की पुष्टि हुई है।
Uttar Pradesh News : पुलिस ने पहले नहीं की कार्रवाई
पिता का कहना है कि पुलिस ने उनका केस दर्ज नहीं किया था। जब वह शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास गए तो गंगोह एसएचओ रोजेंट त्यागी ने उनसे कहा कि पहले हायर ऑफिसर का आदेश लेकर आए। महिला के पिता ने FIR में आरोप लगाया कि उन्होंने जब सहारनपुर एसएसपी रोहित सिंह सजवान से संपर्क किया तो उन्होंने उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। हमारे परिवार ने कोई अन्य विकल्प न होने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, इस पूरे मामले में एसएचओ त्यागी से उनका पक्ष मांगा गया तो उन्होंने आरोपों का जोरदार खंडन किया।
