Human Sacrifice : परिजन बोले- अंधविश्वास का नतीजा
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अंधविश्वास के चलते एक व्यक्ति की कथित रूप से नरबलि दी गई है। घटना जिले के गुंडरदेही थाना क्षेत्र के सिर्राभाठा गांव की है, जहां 26 मई को बैगा पुनीत राम ठाकुर की हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल पूरे गांव को दहला दिया है, बल्कि पूरे इलाके में भय और सनसनी का माहौल पैदा कर दिया है। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोई साधारण हत्या नहीं, बल्कि पूरी तरह से अंधविश्वास से प्रेरित नरबलि की घटना है। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
Human Sacrifice : जाने क्या हैं पूरी खबर ?
घटना की जानकारी के अनुसार, पुनीत राम ठाकुर को पहले नहलाया गया, फिर उसे नए कपड़े पहनाए गए और भोजन भी कराया गया। मृतक की छह वर्षीय पोती डुमेश्वरी ने बताया कि उसके दादा को चावल खिलाने के बाद गला रेतकर हत्या कर दी गई। मृतक की पत्नी भी इस पूरे कृत्य को नरबलि करार दे रही हैं। मौके से नींबू, त्रिशूल, बंदन और पूजा-पाठ की सामग्री बरामद हुई है, जो इस मामले को एक धार्मिक अनुष्ठान या तांत्रिक कृत्य की ओर इशारा करती है। गांव के उप सरपंच खेमराज सिंहा ने भी इस घटना को नरबलि बताया और कहा कि मुख्य आरोपी तिहारु राम ने पहले पुनीत राम को घर बुलाया, उसे पूजा के वस्त्र पहनाए और फिर उसकी बलि चढ़ा दी। हालांकि, पुलिस इस घटना को बैगाओं के आपसी वर्चस्व की लड़ाई से जोड़ रही है।
इस घटना ने समाज में फैले अंधविश्वास की गंभीरता को फिर से उजागर कर दिया है। गुंडरदेही विधायक ने इसे साजिश बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सच्चाई सामने लाने की अपील की है। यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष की बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। समाज में ऐसी कुरीतियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि फिर किसी निर्दोष को इस तरह अंधविश्वास की बलि न चढ़ना पड़े।
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