Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने गाजियाबाद से प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए एसी वॉल्वो बसों की सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में शासन स्तर से विशेष आदेश जारी किए गए हैं। पूरे राज्य में कुल 500 से अधिक वॉल्वो बसों को विभिन्न रीजन में आवंटित किया गया है, जिनमें गाजियाबाद को 30 बसें मिली हैं। ये बसें किन-किन रूटों पर चलेंगी, इसके लिए एक महीने में सर्वे करके मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपनी होगी। पिछले साल भी 250 बसों का प्रस्ताव विभिन्न श्रेणियों में मुख्यालय को भेजा गया था, लेकिन अब तक केवल 78 बसें ही गाजियाबाद रीजन को प्राप्त हुई हैं। अभी भी 172 बसें आने बाकी हैं।
Ghaziabad News : पूर्वांचल के रूटों पर एसी बसों की कमी
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गाजियाबाद से पूर्वांचल के कुछ रूटों जैसे कुशीनगर, देवरिया, सनौली और बस्ती तक जाने वाली बसों की संख्या तो अधिक है, लेकिन इन रूटों पर एसी बसों का संचालन न के बराबर है। गर्मियों में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि केवल दो-तीन बसें ही इस मार्ग पर चलती हैं। वहीं, कौशांबी डिपो से तीज, त्यौहार और शादी के समय लोग एसी बसों में यात्रा करना ही प्राथमिकता देते हैं, यदि ट्रेन की उपलब्धता नहीं होती है।
Ghaziabad News : सर्वे और बसों की योजना
इसके लिए परिवहन विभाग ने दो लोगों की टीम नियुक्त की है, जो एक महीने में सर्वे करके मुख्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि किस रूट पर कितनी वॉल्वो बसें चलाई जाएंगी। इस प्रक्रिया के बाद, नई बसें मुख्यालय स्तर से भेजी जाएंगी। अधिकारियों के अनुसार, जुलाई तक सभी बसों के पहुंचने की उम्मीद है।
Ghaziabad News : एसी वॉल्वो बसों में आधुनिक सुविधाएं
इन वॉल्वो बसों में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। हर बस में 45 सीटें होंगी और इन सीटों को काफी कंफर्टेबल डिजाइन किया जाएगा। यात्रियों के लिए प्रत्येक सीट पर एलईडी टीवी, शौचालय, पैनिक बटन जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी, जिससे यात्रा को और भी आरामदायक और सुरक्षित बनाया जाएगा।
Ghaziabad News : सीएनजी बसों की आवश्यकता
जहां एक ओर प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण सीएक्यूएम द्वारा प्रदूषण करने वाली बसों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, वहीं गाजियाबाद रीजन में सीएनजी बसों की भी भारी कमी है। अभी तक इस क्षेत्र को एक भी सीएनजी बस नहीं मिली है, जबकि 80 सीएनजी बसों की मांग की गई
