Ghaziabad News : गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रेहड़ी-पटरी संचालकों ने नगर निगम और स्थानीय पार्षद के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जब तक वे पार्षद के कथित एजेंटों को पैसे देते रहे, तब तक उन्हें दुकानें लगाने की अनुमति दी जाती रही। लेकिन जैसे ही उन्होंने अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाई, उनकी रेहड़ियों पर बुलडोजर चला दिया गया और व्यापार बंद करा दिया गया।
Ghaziabad News : घर से किया जा रहा बेघर
प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने कहा कि वे बीते 15 वर्षों से इंदिरापुरम स्थित स्वर्ण जयंती पार्क के आसपास खाद्य सामग्री और अन्य जरूरत की चीजों की रेहड़ियां लगाकर जीवन-यापन कर रहे थे। यह इलाका पहले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अंतर्गत आता था, लेकिन अब नगर निगम को हैंडओवर हो चुका है। आरोप है कि हैंडओवर के बाद से पार्षद धीरज अग्रवाल और उनके सहयोगियों द्वारा उत्पीड़न बढ़ गया है। व्यापारियों के अनुसार, निगम की इंफोर्समेंट टीम को बुलाकर उनकी रेहड़ियां तोड़ दी जाती हैं और भारी-भरकम चालान काट दिए जाते हैं। पिछले एक महीने से उनका रोजगार पूरी तरह से ठप पड़ा है।
Ghaziabad News : बंद होनी चाहिए अवैध वसूली
प्रदर्शनकारी व्यापारी पार्षद धीरज अग्रवाल के कार्यालय पहुंचे और अपनी पीड़ा साझा की। उनका आरोप है कि पार्षद के सहयोगियों ने उनसे अवैध रूप से पैसे मांगे और चेतावनी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो सभी रेहड़ियों को तोड़ दिया जाएगा और चालान किए जाएंगे। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो पार्षद और जोनल अधिकारी मौके से निकलकर चले गए। प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने नगर निगम से अधिकृत ‘पीली पर्ची’ प्राप्त की हुई है और कई लोगों ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन लेकर व्यापार शुरू किया था। अब जब रोजगार ही नहीं है तो लोन चुकाना असंभव हो गया है।
व्यापारियों ने मांग की है कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन इस विषय पर संज्ञान ले और ऐसे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की जाए जो अवैध वसूली में शामिल हैं। साथ ही, उन्हें सम्मानपूर्वक फिर से अपना व्यापार शुरू करने दिया जाए।
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