Ghaziabad News : जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) गाजियाबाद ने एक रियल एस्टेट कंपनी को आदेश दिया है कि वह एक खरीदार को ₹6.5 लाख की बकाया राशि ब्याज सहित लौटाए। खरीदार ने 2015 में एक वाणिज्यिक परियोजना में दुकान बुक कराई थी, लेकिन परियोजना रद्द होने के बाद उसने बुकिंग रद्द कर दी थी। यह मामला एयरविल डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसने मोहान नगर स्थित एयरविल WOW नामक कमर्शियल प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और बुकिंग के नाम पर कई खरीदारों से अग्रिम राशि वसूली थी।
Ghaziabad News : 13 लाख रुपये अग्रिम दिए थे खरीदार ने
शिकायतकर्ता सुचित्रा महंत, जो साहिबाबाद की रहने वाली हैं, ने 27 फरवरी 2015 को एक दुकान बुक की थी। इसके लिए उन्होंने लगभग ₹13 लाख की अग्रिम राशि कंपनी को दी थी। पूरी संपत्ति की कीमत ₹23.2 लाख थी। बाद में जब कंपनी ने यह प्रोजेक्ट रद्द कर दिया, तो उन्होंने अन्य प्रोजेक्ट्स में दुकान देने का प्रस्ताव दिया। लेकिन शिकायतकर्ता ने वापसी का विकल्प चुना और कंपनी से अपनी पूरी अग्रिम राशि वापस मांगी। इसके लिए उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज भी कंपनी को उपलब्ध कराए।
Ghaziabad News : चेक बाउंस, फिर कानूनी नोटिस
शिकायतकर्ता के अनुसार, बिल्डर ने कुल ₹6 लाख अलग-अलग माध्यमों से लौटाए, और फिर 5 और 20 दिसंबर 2015 को ₹3.25 लाख के दो चेक जारी किए। लेकिन दोनों चेक बाउंस हो गए। इसके बाद 25 जनवरी 2017 को अधिवक्ता के माध्यम से डिमांड नोटिस भेजा गया, लेकिन कंपनी की ओर से न तो कोई जवाब आया और न ही राशि लौटाई गई। इसके बाद अप्रैल 2017 में उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की गई।
Ghaziabad News : बिल्डर की आपत्ति खारिज
एयरविल डेवलपर्स ने मामले में दो आपत्तियां दर्ज कीं जिसमें संपत्ति की कुल कीमत ₹26.3 लाख थी, जो उपभोक्ता फोरम की ₹20 लाख की सीमा से अधिक है और याचिका समय-सीमा से बाहर है क्योंकि मामला 2014 में शुरू हुआ और याचिका 2017 में दाखिल की गई। हालांकि, फोरम के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन और सदस्यों शैलजा सचान तथा आर. पी. सिंह की पीठ ने कहा कि मामला सिर्फ ₹13 लाख की अग्रिम राशि की वापसी से जुड़ा है, न कि पूरी संपत्ति की कीमत से, इसलिए यह आयोग के क्षेत्राधिकार में आता है। चेक दिसंबर 2015 में जारी हुए थे शिकायत अप्रैल 2017 में दाखिल की गई, जो नियमानुसार दो साल की सीमा में है।
Ghaziabad News : बिल्डर को 45 दिनों में भुगतान का आदेश
24 मई 2025 को सुनाए गए फैसले में आयोग ने कहा कि दुकान का कब्जा न देना और अग्रिम राशि न लौटाना सेवा में कमी (Deficiency in Service) है। आयोग ने एयरविल डेवलपर्स को आदेश दिया कि वह ₹6,51,326 की शेष राशि 8% वार्षिक साधारण ब्याज के साथ शिकायतकर्ता को लौटाए। यह भुगतान शिकायत दर्ज होने की तारीख से लेकर अंतिम भुगतान की तारीख तक के लिए मान्य होगा और आदेश के 45 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, आयोग ने बिल्डर को ₹5,000 की अतिरिक्त राशि मानसिक कष्ट और मुकदमेबाजी खर्च के रूप में अदा करने का भी निर्देश दिया है।
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