Ghaziabad News : राष्ट्रीय परिवर्तन शक्ति, एक प्रमुख सामाजिक संगठन, ने बोधगया बौद्ध महाविहार के प्रबंधन में ब्राह्मणों के हस्तक्षेप को लेकर भारतीय सरकार से गंभीर कदम उठाने की मांग की है। संगठन ने राष्ट्रपति महोदय और जिलाधिकारी गाजियाबाद को ज्ञापन भेजकर बोधगया बौद्ध महाविहार अधिनियम, 1949 (BT Act 1949) को समाप्त करने और महाविहार का प्रबंधन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय को सौंपने की अपील की है।
Ghaziabad News : बताया गया ये तर्क
ज्ञापन में यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि बोधगया, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह स्थल न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बौद्ध समुदाय की आस्था का मुख्य केंद्र है। वर्तमान में, इस महाविहार के प्रबंधन में ब्राह्मणों का वर्चस्व बना हुआ है, जो बौद्ध समुदाय की भावनाओं के खिलाफ है। राष्ट्रीय परिवर्तन शक्ति ने इस स्थिति को असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बताया है, और इस पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है।
संगठन ने यह भी कहा कि जैसे अन्य धर्मों के अनुयायी अपने धार्मिक स्थल के संचालन के लिए स्वतंत्र हैं, वैसे ही बौद्ध धर्म के अनुयायियों को भी अपने धार्मिक स्थल के संचालन का अधिकार मिलना चाहिए। संगठन ने भारतीय संविधान में धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28) का हवाला देते हुए इस पर कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता जताई।
राष्ट्रीय परिवर्तन शक्ति ने राष्ट्रपति और जिलाधिकारी से अपील की है कि वे इस मामले में शीघ्र कार्यवाही करें और बोधगया महाविहार को ब्राह्मणों से मुक्त कर बौद्ध समुदाय को उसका प्रबंधन सौंपें। संगठन ने यह भी आग्रह किया कि इस कार्यवाही की जानकारी उन्हें समयबद्ध तरीके से दी जाए।
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