Ghaziabad News : वैसे तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन जब इसकी हकीकत जानने ग्राउंड पर उतरों तो स्थिती इससे उल्ट मिलती है। आलम ये है कि अस्पतालों में दवाइयों के खत्म होने के कारण डॉक्टर कुत्ते काटने से घायल मरीजों के इलाज करने में जुटे है। जबकि अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोग लंबी-लंबी लाइन लगा खड़े है।
Ghaziabad News : दवाखानों में हाल बेहाल
मामला गाजियाबाद जिले के जिला एमएमजी अस्पताल का है, जहां संचालित होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी दवाखानों में हाल ये है कि यहां ज्यादातर दवाइयां खत्म हैं, जिसके बाद यहां डॉक्टर कुत्ते काटने से घायल मरीजों के इलाज में लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो साल से बजट जारी नहीं होने के कारण दवाइयां अस्पताल में नहीं हैं। दवाई उपलब्ध होने पर तीनों विभागों में रोजाना ढाई सौ से तीन सौ मरीज उपचार कराने आते थे।
Ghaziabad News : दो साल से किसी भी विंग के पास दवाई मौजूद नहीं
गौरतलब है कि एमएमजी अस्पताल के पुराने पैथॉलाजी लैब विभाग में अलग-अलग कक्ष में आयुष विंग के तहत होम्योपैथिक, यूनानी और आयुर्वेदिक विभाग संचालित है। यह पहले मौजूदा पैथोलॉजी में संचालित थी, लेकिन पुराने पैथॉलाजी लैब का प्लास्टर गिरने से कई मशीनें खराब हो गई थीं। जिसके बाद दोनों को आमने सामने कक्ष में शिफ्ट कर दिया। दो साल से किसी भी विंग के पास दवाई मौजूद नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शासन से बजट ही जारी नहीं हो रहा था, इसलिए दवाई की खरीदारी नहीं हुई थी। एक अस्पताल में एक विंग के लिए एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपये का बजट जारी होता है। उसी से दवाइयों की खरीदारी होती है।
इस लचर स्थिति को लेकर नोडल अधिकारी डॉ.रविंद्र कुमार का कहना है कि शासन से बजट आने के बाद कुछ दवाइयां आ गई हैं। इसी सप्ताह शेष दवाइयां मिलने लगेंगी। जल्द ही दवाइयां सभी केंद्रों को पहुंचा दी जाएगी।
