Ghaziabad News : महिला ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली और भावनात्मक घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के बाहर ऑटो में ही जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। यह स्थिति तब बनी जब समय पर एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल पाई और महिला को तेज प्रसव पीड़ा के बावजूद ऑटो में अस्पताल लाया गया। गनीमत रही कि महिला और दोनों नवजात — एक बेटा और एक बेटी — पूरी तरह से स्वस्थ हैं और फिलहाल सीएचसी में ही उनका उपचार चल रहा है।
Ghaziabad News : जानें क्या हैं पूरा खबर ?
घटना मानवतापुरी कॉलोनी निवासी सुदर्शन और उनकी पत्नी वैंजन देवी से जुड़ी है। सुदर्शन दैनिक कामगार हैं और अपनी पत्नी व पांच बेटियों के साथ रहते हैं। सोमवार सुबह वैंजन देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिसके बाद सुदर्शन ने तत्काल सरकारी एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया। लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं पहुंची। जब स्थिति गंभीर होती गई, तब सुदर्शन ने खुद एक ऑटो किराए पर लेकर पत्नी को गोविंदपुरी स्थित सीएचसी अस्पताल पहुंचाया। रास्ते में ही महिला की स्थिति और बिगड़ गई। अस्पताल के बाहर पहुंचते ही प्रसव पीड़ा इतनी तेज हो गई कि डॉक्टरों को ऑटो में ही डिलीवरी करानी पड़ी।
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि महिला जब अस्पताल पहुंची, तब प्रसव की स्थिति अत्यंत गंभीर थी और तुरंत मेडिकल हस्तक्षेप की जरूरत थी। ऐसे में अस्पताल के स्टाफ ने बिना देरी किए ऑटो में ही सुरक्षित प्रसव करवा दिया। महिला ने जुड़वा बच्चों — एक बेटा और एक बेटी — को जन्म दिया। जन्म के बाद तीनों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि मेडिकल टीम की तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता का भी उदाहरण पेश करती है।
ये भी पढ़े-
Ghaziabad News: न तो डॉक्टर और न ही बिजली, अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के हाल बद से बदतर, सीएमओ ने भेजा नोटिस
Ghaziabad News: जिले में स्वास्थ्य विभाग ने दो अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों पर कार्रवाई करते हुए मानवता को शर्मसार करने वाले हालातों का खुलासा किया है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन के निर्देश पर एक विशेष टीम ने भोपुरा स्थित कृष्णा विहार कॉलोनी में औचक निरीक्षण किया, जहां वैष्णवी जन कल्याण समिति और कुश लव वेलफेयर ट्रस्ट नामक संस्थाएं बिना किसी वैध पंजीकरण और अनुमति के नशा मुक्ति केंद्र चला रही थीं। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि मरीजों को गंदे, बदबूदार और अंधेरे कमरों में बंद करके रखा गया था। न तो केंद्रों में कोई पंजीकृत डॉक्टर मौजूद था और न ही पैरामेडिकल स्टाफ। बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की घोर अनदेखी की जा रही थी। मरीजों के लिए बिस्तर जैसी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं।
स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर ही दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने कहा, “ऐसे केंद्र न सिर्फ कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि मरीजों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। हमने संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।”इस कार्रवाई के बाद जिले में संचालित अन्य नशा मुक्ति केंद्रों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि सभी केंद्रों को नियमों और मानवता के मूल्यों का पालन करना होगा। आगे भी औचक निरीक्षण जारी रहेंगे।
