ब्यूरो- संजय मित्तल
Ghaziabad News: देश की राजधानी दिल्ली से महज 30 किलोमीटर दूर स्थित मिलक दुहाई गांव से एक बेहद मार्मिक और चिंता जनक तस्वीर सामने आई है, जो सिस्टम की असंवेदनशीलता और बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करती है।
Ghaziabad News: अब पढ़े पूरा मामला…
दरअसल, मुरादनगर के गांव मिलक दुहाई में श्मशान घाट न होने के कारण, हाल ही में 65 वर्षीय महिला शीला देवी के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ा। अंतिम यात्रा के समय तेज बारिश होने लगी, जिससे ग्रामीणों को खुले आसमान के नीचे ही अंतिम संस्कार करना पड़ा। बारिश से बचने के लिए ग्रामीणों ने तिरपाल और जेसीबी मशीन के पंजे का इस्तेमाल छतरी की तरह किया। यह दृश्य भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाला था। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Ghaziabad News: गांव में नहीं है श्मशान घाट
स्थानीय लोगों के अनुसार, उन्होंने वर्षों से श्मशान घाट की मांग की है। गांव गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन यहां अभी तक श्मशान घाट का निर्माण नहीं हो सका है। जिस जमीन पर श्मशान घाट बनना था, वह विवादित बताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जब इस मामले पर गाजियाबाद से भाजपा सांसद अतुल गर्ग से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि यह बेहद दुखद स्थिति है, लेकिन भविष्य में प्रदेश के हर गांव में श्मशान घाट बनेंगे।
उधर, ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या केवल बारिश के मौसम में नहीं, बल्कि पूरे साल गंभीर बनी रहती है। यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि 21वीं सदी में भी भारत के गांवों को बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष क्यों करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़े:- Earthquake in Delhi-NCR: भूकंप के झटके से हिली धरती, दफ्तरों-घरों से निकले लोग
