Ghaziabad News : फर्जी हाजिरी पर नगर निगम सख्त, 250 कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश
गाजियाबाद नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी का बड़ा मामला सामने आया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की सतर्कता के चलते 311 मोबाइल एप के जरिए की जा रही धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। उन्होंने हाल ही में कर्मचारियों की औसत हाजिरी में अचानक हुई बढ़ोतरी पर संदेह जताते हुए जांच के आदेश दिए थे। जब कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की गई, तो लगभग 250 सफाई कर्मी ऐसे पाए गए, जिन्होंने एप पर वीडियो या वीडियो कॉल के माध्यम से फर्जी तरीके से अपनी हाजिरी दर्ज कराई थी। इस मामले के सामने आने के बाद नगर आयुक्त ने संबंधित विभाग को इन कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
Ghaziabad News : क्या हैं पूरा मामला ?
311 एप गाजियाबाद नगर निगम द्वारा सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस एप के माध्यम से कर्मचारी अपनी लोकेशन और चेहरे की पहचान के जरिए हाजिरी लगाते हैं। इसमें एक प्रक्रिया है जिसमें एप खोलने के बाद कर्मचारी को चेहरा दिखाना होता है और तीन बार आंखें झपकानी होती हैं, जिससे सिस्टम यह सुनिश्चित कर सके कि व्यक्ति असली है। हालांकि, लगभग 250 कर्मचारियों ने इस प्रणाली को चकमा देने के लिए अपने वीडियो अन्य सहकर्मियों को भेज दिए थे। वे सहकर्मी अपने मोबाइल या एप पर उन वीडियो को दिखाकर उनकी फर्जी हाजिरी लगा रहे थे। कुछ मामलों में वीडियो कॉल के जरिए भी यह धोखाधड़ी की जा रही थी।
इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय निकाय कर्मचारी मजदूर संघ उत्तर प्रदेश ने एप आधारित हाजिरी प्रणाली को बंद करने की मांग उठाई है। संघ के सदस्यों ने अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि 311 एप में तकनीकी खामियों और कर्मचारियों की निजता के उल्लंघन जैसी समस्याएं हैं। भाजपा नेता प्रदीप चौहान वाल्मीकि ने भी सफाई कर्मचारियों से जुड़ी कई मांगें रखीं, जिनमें महिला कर्मचारियों को मुख्य मार्गों से हटाना, वेलफेयर फंड की शुरुआत और हरनंदी नदी जीटी रोड पर लगी भगवान वाल्मीकि की मूर्ति के पेडेस्टल का निर्माण शामिल है। यह मामला एक बार फिर से सरकारी तंत्र में तकनीकी निगरानी और मानवीय जमीनी स्तर की जांच दोनों के महत्व को उजागर करता है।
यह भी पढ़े-
