Ghaziabad News : एक तरफ जहां प्रदेश सरकार ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को सफल बनाने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम की लापरवाही इस अभियान को मज़ाक बना रही है। वसुंधरा क्षेत्र में नाले-नालियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। नगर निगम भले ही दावा कर रहा हो कि क्षेत्र के सभी बड़े नालों की सफाई पूरी हो चुकी है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे कोसों दूर है।
Ghaziabad News : नाला में पूरी तरह से गंदगी
वसुंधरा सेक्टर-4 की अरुणिमा सोसाइटी के पीछे स्थित प्रमुख नाला इसकी बानगी पेश कर रहा है। नाला पूरी तरह से गंदगी, कूड़े और गाद से पटा पड़ा है, जिससे दुर्गंध फैल रही है और मच्छर, मक्खियों के साथ विभिन्न रोगजनक जीवाणुओं का प्रसार हो रहा है। इससे क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया जैसे बीमारियों के फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि समय से बारिश शुरू हो गई, तो यह नाला जलभराव का कारण बनेगा और सोसाइटी के आसपास रहने वालों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। कई बार शिकायतों के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
Ghaziabad News : सुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत
इस मुद्दे को लेकर नगर निगम के खिलाफ जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें मांग की गई है कि बरसात से पहले इस नाले की तुरंत सफाई कराई जाए ताकि संभावित जलभराव और स्वास्थ्य संबंधी खतरों से लोगों को राहत मिल सके। स्वच्छ भारत मिशन को ज़मीनी हकीकत से जोड़ने के लिए ज़रूरी है कि नगर निगम सिर्फ कागज़ी दावे न करे, बल्कि समय रहते ठोस और असरदार कदम उठाए। वरना सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद गंदगी और बीमारी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी।
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