Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश में लिफ़्ट एंड एस्केलेटर एक्ट लागू होने के बाद भी शहर में इनका पंजीकरण दस्तावेजों के अभाव में अटका हुआ है। ग़ाज़ियाबाद शहर के आवासीय इमारतों समेत व्यावसायिक और कंपनियों में क़रीब 50 हज़ार से भी अधिक लिफ्ट संचालित हैं और जागरूकता के अभाव में जिले में अभी तक पंजीकरण 50 लिफ़्ट का भी नहीं हो पाया है, इसकी सबसे बड़ी वजह है लिफ़्ट पंजीकरण के लिए 16 प्रकार के दस्तावेजों को न जुटा पाना। ज़्यादातर एओए व अन्य व्यावसायिक कंपनियां इन दस्तावेजों को नहीं जुटा पा रही है और तो और लोगों को लिफ्ट रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज़ों को ऑनलाइन अपलोड करने में तमाम प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है जबकि विभाग की ओर से 31 मार्च तक सभी लिफ्टों का पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है।
Ghaziabad News : अधिकतर लिफ़्टें मानकों पर खरी नहीं
ग़ाज़ियाबाद शहर में लोगों को आरामदायक सुविधा देने वाली लिफ़्टें कितनी सुरक्षित है इसका अंदाज़ा इन लिफ्टों में सफ़र कर रहे लोगों को नहीं है। अधिकतर लिफ़्टें मानकों पर खरी नहीं है। एओए व कंपनियों द्वारा पैसा बचाने के उद्देश्य से कम क़ीमत पर लिफ्टों का एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (एएमसी) लोकल सर्विस प्रोवाइडरों को देकर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है जिस कारण इन लिफ्ट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा लिफ्टों का रखरखाव भी ठीक से नहीं हो पाता।
Ghaziabad News : दस्तावेज़ जुटाने में छूट रहे पसीने
वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद, सेक्टर 15 की शिखर एन्क्लेव सोसाइटी के महासचिव बीसी लोहानी ने बताया कि हम अपनी लिफ्टों में लोगों का सुरक्षित सफ़र सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण प्रमाण कराने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं परन्तु इसके लिए 16 प्रकार के दस्तावेज़ जुटाने में सभी के पसीने छूट रहे हैं। वेंडर से भी लिफ़्ट के संबंधित दस्तावेज़ नहीं मिल पा रहे हैं। वही निर्धारित गुणवत्ता से अधिक के दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड नहीं हो रहे हैं। इस प्रकार की तमाम परेशानियों से एओए बोर्ड जूझ रहा है और यही कारण भी है कि कई जगह पर लिफ्ट पंजीकरण को लेकर रुचि भी कम देखने को मिल रही है। कई जगह तो लिफ्टों का संचालन बग़ैर ऑटोमैटिक रैस्क्यू डिवाइस (एआरडी) के हो रहा है जो और भी ख़तरनाक है, ऐसे में बिजली कटने की स्थिति में जनरेटर से पावर बैकअप मिलने तक लोग लिफ़्ट में ही फँसे रहते है।
Ghaziabad News : पंजीकरण कराने में क्यों आ रही समस्या
ज़िम्मेदार विभाग और अधिकारियों की ओर से लिफ्ट पंजीकरण में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए किसी प्रकार का जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया जा रहा है। एओए के पदाधिकारी सरकारी दफ्तरों में दौड़ लगा रहे हैं पर कई दस्तावेज़ छूट जाने के कारण लिफ़्ट पंजीकरण में समस्या आ रही है। जो 16 प्रकार के दस्तावेज़ लिफ़्ट पंजीकरण के लिए अनिवार्य हैं, वह हैंः लिफ़्ट का मालिक, अधिकृत वेंडर का विवरण, नई लिफ्ट का पंजीकरण है तो उसकी जानकारी, लिफ्ट परिसर का विवरण जैसे सार्वजनिक या निजी, लिफ़्ट एवं एस्केलेटर को संशोधित या परिवर्तित करने का विवरण, लिफ़्ट व एस्केलेटर शिफ़्ट करने की जानकारी, प्राधिकरण द्वारा इमारत का पास नक़्शा, प्राधिकरण से मिली मंज़ूरी का नम्बर व तारीख़, लिफ़्ट व एस्केलेटर का प्रकार व बनावट, लिफ़्ट बनने का विवरण, जिस एजेंसी से लिफ़्ट व एस्केलेटर लगाए उसका विवरण, लिफ़्ट लगाने की तारीख़, जिस तारीख़ से लिफ्ट संचालित हुई उसका पूरा विवरण और अनुबंध का विवरण।
Ghaziabad News : ईमेल भेजकर मुख्यमंत्री कार्यालय में दी शिकायत
लिफ्ट पंजीकरण में आ रही इन तमाम असुविधाओं को दूर करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि वह सोसायटियों में जगह-जगह शिविर लगाकर जागरूक करें कि कब कैसे और कहाँ आवेदन करना है, 16 प्रकार के दस्तावेजों को कैसे जुटाया जाए, क्या हर लिफ़्ट के लिए अलग-अलग आवेदन किया जाए, यदि किसी सोसायटी में कई कंपनियों की लिफ़्ट है तो उसके पंजीकरण के लिए नियम व शर्तें, हर लिफ़्ट के पंजीकरण में आने वाले ख़र्च की जानकारी, निर्धारित गुणवत्ता से अधिक की फ़ाइल ऑनलाइन अपलोड न होने का कारण। संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा जागरूकता शिविर लगाने पर ही एओए के पदाधिकारियों को लिफ़्ट पंजीकरण में आने वाली तमाम असुविधाओं से छुटकारा मिलेगा और सरकार का सभी लिफ़्टों के पंजीकरण का लक्ष्य भी समय पर पूरा हो सकेगा।
इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल भेजकर शिकायत दर्ज की गई है। जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने अरविन्द मोहन, जॉइंट सेक्रेटरी, मुख्यमंत्री कार्यालय को आगे कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
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