रिपोर्टर फ़ारुक शिद्दीकी
गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आई हैं। दरअसल वज़ीराबाद रोड स्थित मुस्लिम बहुल इलाक़े में बने मांसाहारी होटलों पर हर साल सावन के महीने में प्रशासन की सख़्त नज़र रहती है। जैसे ही सावन का महीना शुरू होता है, यहां के लगभग सभी मांसाहारी होटल बंद हो जाते हैं।
सावन माह के शुभारंभ से पहले एक बार फिर प्रशासन सतर्क हो गया है। पिछले साल गाज़ियाबाद( Ghaziabad News) में एक विशेष एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि फल विक्रेता, विशेष रूप से ठेले और थैले वालों को अपना नाम व पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
इसी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए लोकहित क्रांति की टीम जब ग्राउंड ज़ीरो पर जांच करने पहुंची तो स्थानीय फल विक्रेताओं, दुकानदारों और होटल मालिकों से बातचीत की । जहां अधिकांश लोगों ने बताया कि अगर प्रशासन इस तरह का आदेश फिर से जारी करता है, तो वे उसका पूरी तरह से पालन करेंगे।
Ghaziabad News : क्या बोला फल विक्रेता ?
एक फल विक्रेता, जो पिछले 25 वर्षों से नियमित रूप से सावन के दौरान फल बेचते आ रहे हैं, ने कहा, “पिछले साल पहली बार ऐसा कोई आदेश देखने को मिला था। इससे पहले कभी किसी तरह की लिखित गाइडलाइन नहीं दी गई। लेकिन अगर इस साल भी ऐसा कोई आदेश आता है, तो हम प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे।”

Ghaziabad News : क्या बोले होटल मालिक ?
होटल मालिक ने आगे कहा, “अगर प्रशासन की ओर से कोई आदेश आता है तो हम उसे भी पूरी तरह मानेंगे। कानून और श्रद्धा – दोनों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।” स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल सावन में होटल बंद रहने से कुछ दिक्कतें जरूर होती हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसे धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द का हिस्सा मानते हैं। प्रशासन भी इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय रहता है।
इस मुद्दे पर जब एक होटल मालिक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, “पूरे साल हमें काम से फुर्सत नहीं मिलती। सावन का महीना आता है तो हम इसे विश्राम का समय मानते हैं। होटल बंद करके हम अपने परिवार के साथ बाहर घूमने चले जाते हैं। बच्चों के साथ वक्त बिताने का यही एक मौका होता है।”
Ghaziabad News : क्या बोले स्थानीय लोग ?
स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि सावन जैसे धार्मिक और संवेदनशील महीने में प्रशासन की सख़्ती आवश्यक है ताकि सौहार्द बना रहे। अब देखना यह है कि क्या इस बार भी गाज़ियाबाद प्रशासन कोई नई एडवाइजरी जारी करता है या फिर पिछले साल की गाइडलाइन को ही दोहराया जाएगा।
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