Bulandshahr News : रमजान के पाक महीने में इफ्तार पार्टी का बड़ा महत्व माना जाता है। इस महीने में छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक, सब नमाज़ पढ़ते हैं और रोज़ा रखते हैं। जिसे देखते हुए बॉलीवुड सितारों से लेकर नेताओं तक अपने-अपने घर इफ्तार पार्टी का आयोजन करते है। इस बीच उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से खबर आई है कि प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया में रोजा इफ्तार आयोजन की अनुमति देने के आरोप में प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, स्कूल में रोजा इफ्तार पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके आधार पर प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर मामले की विस्तृत जांच खंड शिक्षा अधिकारी अरनियां को सौंपी गई है।
Bulandshahr News : सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
इफ्तार पार्टी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। वीडियो के आधार पर जांच के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया। पूरा मामला शिकारपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया का है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इरफाना नकवी जिला मुख्यालय से 23 किमी दूर शिकारपुर नगर में रहती हैं। जो करीब 15 साल पहले प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हुईं थी। इस बीच 2013 में वह प्रमोट होकर प्रिंसिपल बनीं। रमजान के पाक महीने को देखते हुए स्कूल के पास ही रहने वाले मोहम्मद शानू ने स्कूल में इफ्तार पार्टी करने की अनुमति मांगी।
Bulandshahr News : स्कूल बंद होने के बाद दी अनुमति
शानू द्वारा अनुमति मांगे जाने पर इरफाना ने स्कूल बंद होने के बाद शाम 5 बजे इफ्तार पार्टी की अनुमति दे दी। लेकिन उच्च अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं दी। इफ्तार पार्टी में लगभग 200 से 250 लोग पहुंचे। किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। तो कार्रवाई की मांग होने लगी।
उधर, इस पूरे मामले में बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि वीडियो के आधार पर अध्यापिका को निलंबित किया गया है। शिक्षिका को यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन करने का दोषी माना गया है। मामले की विस्तृत जांच खंड शिक्षा अधिकारी अरनिया को सौंपी गई है।
