Baba Bageshwar : मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम पीठ के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 2 अप्रैल को देश के पहले हिंदू गांव की आधारशिला रखी। इसके साथ ही बागेश्वर धाम के निकट इस गांव के निर्माण की आधिकारिक शुरुआत हो गई है, जो दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। इस गांव में रहने वालों की जीवनशैली पूरी तरह से वैदिक संस्कृति पर आधारित होगी। इस अवसर पर बाबा बागेश्वर ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की संकल्पना तभी पूरी होगी जब हिंदू घरों, गांवों, जिलों और राज्यों की स्थापना होगी।
Baba Bageshwar : गांव का स्वरूप और नियम
योजना के अनुसार, इस गांव में कुल 1,000 परिवार रहेंगे और इसे बागेश्वर धाम परिसर में विकसित किया जाएगा। बाबा बागेश्वर ने बताया कि बागेश्वर धाम जनसेवा समिति इस गांव के लिए भूमि उपलब्ध कराएगी और इसे भविष्य में बेचा या खरीदा नहीं जा सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस गांव में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा, हालांकि सनातन धर्म में आस्था रखने वालों का स्वागत किया जाएगा। गांव में रहने के लिए घर एग्रीमेंट के आधार पर उपलब्ध होंगे और वहां रहने वाले लोगों के लिए कुछ बुनियादी शर्तें तय की जाएंगी। बाबा ने बताया कि इस भूमि पर बने भवनों की खरीद-फरोख्त नहीं होगी, ताकि विधर्मी लोग किसी भी प्रकार से धर्मविरोधी ताकतों से समझौता कर मकान न खरीद सकें।
Baba Bageshwar : पहले ही दिन दो व्यक्तियों ने दिखाया रुचि
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि हिंदू गांव की आधारशिला रखे जाने के पहले ही दिन दो व्यक्तियों ने अपनी सहमति दे दी है और भवन अधिग्रहण की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। इससे पहले, बाबा बागेश्वर ने एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले हर घर और गांव में हिंदू धर्मावलंबी बनाने का काम शुरू होगा। इस अभियान की शुरुआत इसी महीने से होगी और बागेश्वर धाम से टीमें रवाना हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि हर ग्राम पंचायत में एक प्रधान नियुक्त किया जाएगा, जो हिंदू धर्म को फैलाने का काम करेगा।
Baba Bageshwar : देश में एक नई क्रांति की शुरुआत
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा कि इस अभियान के माध्यम से देश में एक नई क्रांति की शुरुआत होने वाली है। उन्होंने कहा, “हम कट्टर हिंदू बनाने का काम करेंगे, और प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक प्रभारी होगा, जो एक मंडल प्रभारी से जुड़ा होगा। मंडल में 10 गांवों को शामिल किया जाएगा और यह जिला अध्यक्ष से जुड़ा होगा। सभी प्रभारियों को तीन से चार महीने में बागेश्वर धाम आकर इस अभियान की प्रगति पर चर्चा करनी होगी।”
